मेरे सभी मित्रो को सादर नमस्कार,
आज में अपनी वो कविता ब्लोग पर रख रहा हुं,
जिसने मुझे...
डेढ़ इंच मुस्कान .... और एक मीटर हंसी
लाने के लिये प्रेरित किया
ओर
मेरे मन को भाए ...
सारा जग मुस्काए ...
के सिद्धांत पर चलने का होसला दिया
"वेलेंटाईन- डे"
एक दिन,
छोटा मोटा नही बहुत "तगडा"
बोली अपना सच्चा प्रेम.....
साबित कर के... "दिखा ओ"
ओर
कल "वेलेंटाईन- डे"......
मेरे सांथ मना ओ,
तो भाई साहेब ...
"वेलेंटाईन- डे" मनाता
तो भारतीय "संस्क्रती" ......
खतरे मे "पडती"
ओर
ना मनाता..... तो
पत्नी जा के मायके मे, "सडती"
तो
"वेलेंटाईन- डे"...."मनाया"
भारतीय "संस्क्रती" को..........
"दाग" ना "लगाया"
"आम के आम गुठ्लीयो के दाम"
वाला…..
फार्मुला "अपनाया"
जिस दिन
फरवरी मे….14 तारीख का…
दिन "आया"
पत्नी को.................
"गोभी" का…... फूल
"थमाया"
ओर.........
नाराज "पत्नी" को
"मस्का" लगाकर....... "मनाया"
की
"गुलाब" के "फूल" तो"
शाम को ही "मुरझा" जायेंगे
पर .............
"गोभी" का फूल"
" तीन " दिन तक"
बना कर खायेंगे
तीन दिन तक
बना कर "खायेंगे"
धन्य वाद..........
......................................hasyakaviraj@gmail.com...
......... हास्य कावेता ..................
एक छंद बीवी के नाम आपको
" िरश्तेदार " शब्द पर ध्यान रखना है....
बीवी बीबी बोली ,पाण नाथ,
ऐसे ना बनेगी बात ,
आप मेरे साथ ,
भेद भाव अपनाते है ...
मेरे िरश्तेदारों से
न रखते हो सरोकार ,,
न ही उन्हें कभी
आप चाय पे बुलाते है...
तो मैंने कहा जानेमन
छोटा न करो ये मन ,
आज ही दावत का
इंतजाम ,करवाते है..
.
और
आपकी सासू के संग
.देवर , ननद ,
और, आपके ससुर को
आज खाने पे ,बुलाते है.
hasyakaviraj@gmail.com